उर्दू से आया तो हिन्दी में ‘बवाल’ हो गया
‘वबाल’ का अर्थ है—विपत्ति, आपत्ति, मुसीबत, जञ्जाल, झञ्झट। इसी के साथ फ़ारसी का जान मिलकर ‘वबालेजान’ बना है; यानी प्राणों
पूरा पढ़ें...‘वबाल’ का अर्थ है—विपत्ति, आपत्ति, मुसीबत, जञ्जाल, झञ्झट। इसी के साथ फ़ारसी का जान मिलकर ‘वबालेजान’ बना है; यानी प्राणों
पूरा पढ़ें...दरअसल, हमारे रोज़मर्रा के आम व्यवहार में कोई परेशानी खड़ी नहीं होती, इसलिए हमें शायद भ्रष्ट हो रही भाषा का
पूरा पढ़ें...इसी देश में अँग्रेज़ी माध्यम के ऐसे विद्यालय खड़े हो रहे हैं, जहाँ हिन्दी बोलने पर अघोषित सेंसर है। ‘पापा-मम्मी’
पूरा पढ़ें...मातृभाषा के साथ यह अजब रक्त सम्बन्ध है, सगापन है कि दूसरी किसी भाषा के साथ अपनेपन की तमाम कोशिशें
पूरा पढ़ें...जिस समय देवनागरी का जन्म हुआ, उस समय भारत की स्थिति दुनिया के अन्य देशों की तरह कबीलाई नहीं थी।
पूरा पढ़ें...स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उर्दू से जैसी हमारी नज़दीकी है, उसे देखते हुए इसकी शब्दावली का
पूरा पढ़ें...मूसला का यह अर्थ एकदम दुरुस्त है। यह अर्थ ज़्यादातर लोगों ने हाईस्कूल-इण्टरमीडिएट की वनस्पति विज्ञान की किताबों में भी
पूरा पढ़ें...राष्ट्रभाषा एक और लिपियाँ दो, गान्धीजी के भाषा विषयक विचार में यह अजब उलटबाँसी दिखती है, पर सच्चाई यह है
पूरा पढ़ें...जो लोग सरलीकरण के तर्क पर हिन्दी भाषा में वर्तनी के प्रति उच्छृङ्खल व्यवहार के आदी हैं उन्हें याद रखना
पूरा पढ़ें...‘खानापूरी’ और ‘पेशाबघर’ जैसे शब्द हम अकसर प्रयोग करते हैं। ‘खाना’ और ‘पेशाब’ फ़ारसी के हैं तो ‘पूरी’ और ‘घर’
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