एक असहाय स्त्री की ख़ातिर देश की जनता के नाम…
मैंने अपनी वेदना व्यक्त की है तो सिर्फ़ इसलिए कि जिन भी हाथों में यह खुला ख़त पहुँचे, वे ग़लतफ़हमियों
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